अमेरिका के मैनहैटन के आकार वाले इस अनजान धूमकेतु 3i/Atlas की रफ्तार 209214 किमी /घंटा बताई जा रही है । जब इसे JWST (James Webb Space Telescope) से देखा गया, तो पता चला कि इसके चारों ओर गैसीय कोमा में CO₂ बहुल मात्रा में है जो 129 किग्रा/सेकंड से निकल रही है! और साथ में बर्फ भी है, मगर मात्र 6.6 किग्रा/सेकंड। इसके अलावा CO, CN, OCS और कुछ परमाणु निकल के अंश भी इसमें मिले है।

खोज और नामकरण: कैसे मिला 3I/ATLAS
चिली के रियो हुर्ताडो में लगे ATLAS (Asteroid Terrestrial-impact Last Alert System) सर्वेक्षक ने शुरुआत में जब 4.5 AU दूर चलती हुई एक धुँधली रोशनी देखी , तो वैज्ञानिकों को लगा की ये कोई धूमकेतु है। पर जैसे-जैसे डेटा जमा हुआ,तो वैज्ञानिकों को समझ आया की इसका orbital path सूर्य के गुरुत्व से बंधा नहीं है, बल्कि यह एक हाइपरबोलिक (अतिपरवलयिक) कक्षा में में चल रहा है। मतलब: यह सिर्फ हमारे सौरमंडल से गुजर रहा है और कहीं चले जाएगा। चूंकि ये पहले ऐसे ही अनजान comet की तरह यह तीसरा अंतरतारकीय पिंड था, इसलिए इसे “3I/ATLAS” नाम मिला (“3I” यानी तीसरा इंटरस्टेलर, और “ATLAS” उस टेलीस्कोप का नाम है जिसने इसे सबसे पहले देखा था )।

3i/atlash की गति और पथ वैज्ञानिकों के लिए नई चुनौती
वैज्ञानिकों के अनुसार इससे पहले कभी इतनी तेज गति पर चलने वाला धूमकेतु नहीं देखा गया है । 3I/ATLAS करीब 58 किमी/सेकंड की रफ्तार से दौड़ रहा है—लगभग 2 लाख किलोमीटर प्रति घंटा! ये ʻOumuamua और2i/Borisov से भी तेज है। इसकी विकेंद्रता 6.14 बताती है कि यह गुरुत्वीय रूप से पूरी तरह से मुक्त है। वैज्ञानिक इसे “सबसे उच्च अतिपरवलयिक विकेंद्रता” वाला पिंड कहते हैं।

कहाँ से आया यह अनजान अतिथि?
यहाँ सबसे दिलचस्प हिस्सा है—कारण का अनुमान। शोध और अनुमान के आधार पर यह comet हमारी मिल्की वे का भी हो सकता है जिसकी संभावना संभावना करीब 70% है। मिल्की वे के मोटी डिस्क वह क्षेत्र है जहाँ अरबों साल पुराने तारे रहते हैं। हो सकता है ये वाही से आया हो ,वैज्ञानिकों का मानना है कि 3I/ATLAS की उम्र 7 अरब वर्ष से ज्यादा हो सकती है यानि यह हमारे सौरमंडल से भी पुराना हो सकता है।
अगले महीने मंगल और सूर्य के पास गुजरेगा यह धूमकेतु
3 अक्टूबर 2025 को यह मंगल से महज 30 मिलियन किलोमीटर दूर गुजरेगा। ESA के Mars Express और ExoMars ऑर्बिटर इसे निहारने के लिए तैयार हैं। 30 अक्टूबर को यह सूर्य के पास 1.4 AU की दूरी पर पहुंच जाएगा। तब इसका तापमान और कोमा और भी सक्रिय हो जाएगा।

NASA/JPL-Caltech
मानवता के लिए क्या मायने रखता है 3I/ATLAS?
हम इंसान सदियों से दूसरी दुनिया के अस्तित्व की खोज में लगे है लेकिन अभी तक कोई भी पुख्ता सबूत नहीं मिल पाए है वैज्ञानिकों द्वारा स्थापित कितने ही टेलीस्कोप हर पल ब्रह्मांड की गहराइयों में अनगिनत आकाशगंगाओं, ग्रहों , उल्का पिंडो और धूमकेतुओं पर नजर रखे हुए है लेकिन 1 जुलाई 2025 की रात चिली के ATLAS टेलीस्कोप ने एक अनजान धूमकेतु को देख जो हमारे solar system का हिस्सा नहीं है वैज्ञानिकों ने इसे 3i/Atlas का नाम दिया है इसमें पानी की मौजूदगी बताती है कि जीवन-निर्माण के आवश्यक तत्व दूसरे तारा मंडलों में भी हैं। यह हमें ग्रह निर्माण, जैविक रसायन और संभवतः पैनस्पर्मिया जैसे विचारों पर नई रोशनी देगा।
खट्टी-मीठी बहस: क्या यह कृत्रिम हो सकता है?
हार्वर्ड के प्रो. आवी लोएब ने दावा किया कि 3I/ATLAS का प्रकाश उत्पादन पैटर्न और कक्षा कृत्रिम संरचना जैसी लगती है। लेकिन ज्यादातर वैज्ञानिकों ने इसे खारिज कर दिया। लेकिन जब तक ठोस सबूत नहीं मिलते, इसे प्राकृतिक ही मानना बेहतर है।
निष्कर्ष: एक ऐतिहासिक अवसर
3I/ATLAS हमें यह याद दिलाता है कि हमारा सौरमंडल कोई बंद दुनिया नहीं; यह ब्रह्मांड की विशाल यात्रा का छोटा हिस्सा मात्र है। अगले कुछ महीनों में जो भी तस्वीरें, स्पेक्ट्रा और डेटा आएंगे, वे खगोलशास्त्र की किताबों में नया अध्याय जोड़ेंगे। और कौन जाने—कभी-कभी छोटी-सी रोशनी में बड़े रहस्य छिपे होते हैं!
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