Flood in delhi : नदी का जलस्तर 207 मीटर पार, निगमबोध घाट पहुँचा यमुना का पानी

 दिल्ली इस समय एक बाढ़ की मार से जूझ रही है। यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया है और राजधानी के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। यह घटना बेहद गंभीर है क्योंकि पिछले 63 सालों में यमुना नदी का जलस्तर 207 मीटर पर सिर्फ चार बार ही पार पहुंचा है।3 सितम्बर 2025 को यमुना नदी का सामान्य जलस्तर 205.33 को पार कर निगम बोध घाट में पहुंच गया हैं

Flood in delhi

यमुना के बढ़ते जलस्तर ने बजाई खतरे की घंटी

यमुना नदी अक्सर अपने आसपास रहने वाले लोगों की परेशानियों को बढ़ाती रहती है। नदी का पानी अपने किनारों से ऊपर उठकर निगमबोध घाट तक पहुँच चुका है।जिसके कारण अंतिम संस्कार की प्रक्रिया करने में बहुत कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। यह घाट दिल्ली का सबसे बड़ा श्मशान घाट हैइसके अलावा, निचले इलाकों जैसे मजनू का टीला, मदनपुर खादर, बदरपुर और वासुदेव घाट में पानी भर गया है। जिससे यहाँ रहने वाले लोग अपने घर छोड़कर अस्थायी राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हो गए हैं।

किन इलाकों पर पड़ रहा है सबसे ज्यादा असर?

  • निगमबोध घाट: पानी घुस जाने से अंतिम संस्कार में दिक्कत।
  • मजनू का टीला: घरों और दुकानों में पानी भर गया।
  • मदनपुर खादर और बदरपुर: स्थानीय लोग सुरक्षित स्थानों पर जाने को मजबूर।
  • सिविल लाइन्स और यमुना किनारे की बस्तियाँ: बिजली कटौती और यातायात प्रभावित।

कहां से आया यमुना में इतना पानी?

भारी बारिश: उत्तराखंड, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से नदियाँ उफान पर हैं और यमुना में पानी का स्तर तेजी से बढ़ा है।

बैराजों से छोड़ा गया पानी: हथिनीकुंड और वज़ीराबाद बैराज से बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा गया है। इन बैराजों से छोड़ा गया पानी 48–50 घंटे बाद दिल्ली पहुँचता है, जिससे जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुँच गया।

बाढ़ मैदानों पर अतिक्रमण: विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली में यमुना के बाढ़ मैदानों पर लगातार अतिक्रमण हुआ है। जब नदी का जलस्तर बढ़ता है तो उसके फैलाव की जगह कम हो जाती है, जिससे निचले इलाके जल्दी डूब जाते हैं।

निकासी अभियान: अब तक 10 हज़ार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।

राहत शिविर: दिल्ली सरकार ने 25 राहत शिविर स्थापित किए हैं, जहाँ लोगों को भोजन, पानी और चिकित्सा सुविधा दी जा रही है।

राहत शिविर: 58 नावें, 675 लाइफ जैकेट, 82 मोबाइल पंप, 5.6 लाख रेत की बोरियाँ और 24 जनरेटर पहले से तैनात किए जा चुके हैं।

सरकारी दावा: सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री प्रवेश वर्मा का कहना है कि “भले ही जलस्तर 1–2 मीटर और बढ़ जाए, दिल्ली में 2023 जैसी स्थिति नहीं बनेगी।”निगरानी: NDMC ने 24×7 कंट्रोल रूम सक्रिय किया है और सभी निचले इलाकों पर लगातार नज़र रखी जा रही है।

आम जनता की बढ़ रही है मुश्किलें

Source: Times of India
  • निगमबोध घाट पर संकट: शवदाह की प्रक्रिया प्रभावित हो रही है
  • सड़कों पर जलभराव: ट्रैफिक जाम और सार्वजनिक परिवहन बाधित ।
  • बिजली कटौती: कई इलाकों में सुरक्षा कारणों से बिजली काट दी गई है
  • राहत शिविरों में भीड़: हज़ारों लोग अपने घर छोड़कर अस्थायी शिविरों में रह रहे हैं।

मौसम विभाग की चेतावनी

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने दिल्ली और NCR के कई हिस्सों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इसका मतलब है कि यमुना का जलस्तर और बढ़ सकता है और हालात अगले कुछ दिनों तक और चुनौतीपूर्ण बने रह सकते हैं।

निष्कर्ष

यमुना नदी का खतरे के निशान से ऊपर बहना दिल्ली के लिए एक गंभीर चेतावनी है। दिल्ली सरकार राहत और बचाव के कार्यों में लगी हैं,

  • जलस्तर 207 मीटर पहुँच चुका है।
  • 10 हजार से अधिक लोग राहत शिविरों में पहुँचा दिए गए हैं।
  • निगमबोध घाट तक पानी पहुँच चुका है।

दिल्ली सरकार राहत और बचाव के कार्यों में लगी हैं, लेकिन असलियत यह है कि खतरा अभी टला नहीं है। दिल्ली को लगभग हर साल इस बाढ़ का सामना करना पड़ता है यमुना नदी का जल स्तर बढ़ने से किनारे बसे मकान सबसे पहले जलमग्न होते है। सरकार को यमुना नदी की सीमा के अंदर बसे लोगों पर कानूनी कार्यवाही करनी चाहिए ताकि उन लोगों को बार बार अपनी जन को जोखिम में न डालना पड़े ।

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